भ्रष्टाचार के आरोप में पटवारी को सश्रम कारावास
रीवा हरित प्रवाह- शिकायतकर्ता यदुनंदन पटेल ग्राम चोरगड़ी पटवारी हल्का चोरगड़ी जिला - रीवा के पिता श्री बृजनंदन प्रसाद पटेल एवं चाचा श्री रामभुवन पटेल के नाम संयुक्त खाते में ग्राम - चोरगढ़ी 188 हल्का - चोरगढ़ी सन् 2014 - 15 के खसरे की नकल के अनुसार खसरा नंबर - 734 / 1 क में रकवा 0 . 23 हेक्टेयर जमीन थी जिसे राजस्व विभाग द्वारा गलती से 2015 - 16 में खसरे में 0 . 20 हेक्टेयर कर दिया गया है गलती सुधार के लिए शिकायतकर्ता के चाचा रामभुवन पटेल ने तहसीलदार न्यायालय रायपुर कर्चुलियान में दिनांक - 22 . 07 . 2016 को खसरा सुधार के लिए आवेदन पत्र दिया था जिसमें तहसीलदार ने पटवारी को मार्क करके आवेदन रामभुवन को लौटा दिया और पटवारी से मिलने को कहा था शिकायतकर्ता चाचा के कहने पर पटवारी अजय सोनी से मिला और वही आवेदन पत्र श्री अजय सोनी पटवारी हल्का चोरगड़ी को देकर उनसे खसरा सुधार करने को कहा तो आरोपी पटवारी ने शिकायतकर्ता से खसरा सुधार के लिए 20000 रूपये रिश्वत की मांग की । तब शिकायतकर्ता ने पटवारी हल्का चोरगडी अजय सोनी को रिश्वत लेते हुए पकड़वाने के लिए पुलिस अधीक्षक , लोकायुक्त रीवा से लिखित शिकायत की । पुलिस अधीक्षक ने शिकायत का सत्यापन करवाया , जिसमें बातचीत के दौरान आरोपी पटवारी खसरा सुधार के लिए 10000 रूपये में तैयार हो गया । दिनांक - 23 . 07 . 2016 को पटवारी ने शिकायतकर्ता को लेन - देन करने के लिए घोड़ा चौराहा बुलाया . जैसे ही पटवारी अजय सोनी ने शिकायतकर्ता से 10000 रूपये की रिश्वती राशि ली , उसी समय ट्रैप टीम ने आरोपी को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया । लोकायुक्त द्वारा माननीय विशेष न्यायालय रीवा के समक्ष प्रकरण 23 . 12 . 2017 को प्रस्तुत किया गया । विचारण के उपरांत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश , श्री गिरीश दीक्षित - ( विशेष न्यायालय लोकायुक्त ) रीवा ने आरोपी अजय सोनी पिता स्व० श्री एम0एल0 सोनी उम्र - 42 वर्ष , निवासी वार्ड नं0 30 , पाण्डेन टोला , रीवा , पद - पटवारी हल्का चोरगढ़ी , तहसील रायपुर कर्चुलियान , जिला - रीवा को दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास एव 2000 रुपये जुर्माना तथा धारा 13 के तहत 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपये जर्माना से दण्डित किया एवं आरोपी को जेल भेजा गया । शासन की ओर से श्री सचिन द्विवेदी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ( लोकायुक्त ) द्वारा मामले में प्रभावी पैरवी की गई ।