जीवन जीने की प्रेरणा भरी सच्ची कहानी-
- संतोष गंगेले कर्मयोगी 👌🌹
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बुन्देलखण्ड के समाजसेवी ने अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त किया।
भोपाल --अंतरराष्ट्रीय समाजसेवी संस्था एन आर बी फांउंडेशन और भव्या इंटरनेशनल द्वारा आयोजित विविधता में एकता अंतर्राष्ट्रीय / राष्ट्रीय सम्मान समारोह और मैत्री सम्मलेन 2020 का आयोजन 19 जनवरी 2020 को जयपुर [राजिस्थान ] मैं सम्मानित किया गया l इस आयोजन समिति ने नौगांव बुन्देलखण्ड जिला छतरपुर मध्य प्रदेश से बरिष्ठ पत्रकार , भारतीय संस्कृति , संस्कारो और समाजसेवा के लिए जीवन समर्पित करने बाले संतोष गंगेले कर्मयोगी को सम्मानित करने के लिए चयन कर सम्मानित किया है। इस आयोजन में अन्य देशो के प्रतिनिधिओ को भी सम्मानित होने का अवसर दिया गया। भव्या इंटरनेशनल और एन. आर. बी. फाउंडेशन की ओर से 19 जनवरी 2020 को विवेकानन्द ऑफ टेक्नोलॉजी सेक्टर-36,NRI रोड जगतपुरा,जयपुर में आयोजित हुआ “विविधता में एकता सम्मान -2020 में विभिन्न क्षेत्रों में विशेष मुकाम हासिल करने वाले करीब 155 लोगों को और कुछ अन्य विशेष लोगो सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय मैत्री सम्मलेन का भी आयोजन हुआ जिसमें सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर ,असम, केरल, पंजाब, महाराष्ट्र, कर्नाटक और पूरे देश के अलावा नेपाल, मलेशिया, कनाडा से भी प्रतिनिधियों ने शिरकत की । मध्य प्रदेश से समाजसेवी संतोष गंगेले जो अपने निजी वाहन से बर्ष 2007 से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मध्य बुन्देलखण्ड क्षेत्र जो पिछड़ा है ऐसे बीहड़ और दुर्गम गांव के लाखों बच्चो के बीच पहुँच कर शिक्षा ,भारतीय संस्कृति बचाने जीवन समर्पित कर दिया* वह शिक्षा , स्वास्थ्य , ,स्वच्छता ,समरसता ,समाज , नशा मुक्ति , दहेज़ एक कलंक , बाहन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान ठण्ड गर्मी बर्षात में लगातार अपनी सेवाएँ सेवाएँ देते आ रहे। हजारो शिक्षण संस्थाओ लाखों बच्चो से मिलकर देश सेवा करते है। वानरसी दास चतुर्वेदी सम्मान से टीकमगढ़ में जनर्लिस्ट यूनियन ऑफ मध्य प्रदेश [जंप ]के द्वारा सम्मानित किया गया। बुंदेलखंड का जलिया वाला बाग़ चरण पादुका स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संघ द्वारा विशिष्ट सेवा सम्मान से 13 जनवरी 2019 को छतरपुर में सम्मानित किया गया। दैनिक समय जगत और दबंग दुनिया समाचार पत्र ने भी उनको सम्मानित किया है
प्रांतीय अध्यक्ष संतोष गंगेले जी ने प्रदेश भ्रमण पर निकल कर जगह -जगह संगठन के कमेटियां गठित ही। पहला गणेश शंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब मध्य प्रदेश का सम्मेलन सी फॉर होटल छतरपुर में 26 अक्टूबर 2013 को श्री आलोक चतुर्वेदी के सहयोग से हुआ जिसमे 21 सामाजिक नागरिको ,स्वतंत्रता संग्राम सेनानियो ,अधिकारियो , पत्रकारों को सम्मानित किया गया। दूसरा सम्मेलन 23 फरबरी 2014 जीरापुर राजगढ़ में हुआ। प्रांतीय सम्मलेन 26 अक्टूबर 2014 को गाँधी भवन भोपाल में आयोजित हुआ। तीसरा सम्मेलन 25 अक्टूबर 2015 को विदिशा में आयोजित किया गया। मध्य प्रदेश के मंत्री श्री रामपाल सिंह जी ने इस अवसर पर बेव साईट का शुभारंभ किया तथा प्रदेश के एक समाजसेवा के लिए सम्मानित किया। सागर ,विदिशा ,सिहोर ,इंदौर,उज्जैन ,देवास ,शाजापुर ,आगर -मालवा ,नलखेड़ा ,खिलचीपुर ,सिरोंज विदिशा गंजबासोदा ,हरदा , बंडा ,मुंगावली अशोकनगर , चंदेरी , टीकमगढ़ ,ग्वालियर ,मुरैना ,शिवपुरी ,गुना , राजगढ़ ब्यावरा ,पचोर , मंडीदीप भोपाल में 10 दिसम्बर 2015 को आयोजित किया गया। मध्य प्रदेश के पत्रकारों और आम जन की समस्याओ को लेकर प्रदेश सरकार को सैकड़ो पत्र लिख कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया।
श्री संतोष गंगेले जी का -बुंदेलखंड पत्रकार गौरव सम्मान 1 जुलाई 2014 को आजाद भवन दिल्ली में सम्मानित किया गया. . 31 मई 2015 को चंद्र लेख होटल मथुरा में प्रदेश गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। 7 मार्च 2015 को विदिशा जिला कलेक्टर ने सर्किट हॉउस में समाज सेवा के लिए सम्मानित किया गया। 5 सितंबर 2015 को गंजबासोदा विदिशा में सम्मानित किया। 12 सितम्बर 2015 को इंदौर में सम्मानित किया गया। 13 दिसम्बर 2015 को मानस भवन जबलपुर में समाज गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। राजस्थान के बसवा जिला दौसा में राष्ट्रीय पत्रकार 9 जनवरी 2017 को पत्रकारिता और देश सेवा के लिए भारत सरकार के राज्य मंत्री श्री रामदास आठवले ने सम्मानित किया तथा समाजसेवा के लिए धन्यवाद पत्र भेजा। 30 मई 2018 को उत्तर प्रदेश पत्रकार संघ द्वारा महोबा में पत्रकारिता एवं समाज सेवा सम्मान सम्मानित किया गया साथ ही छतरपुर जिला के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने अनेक स्थानों पर सम्मानित किया। 1 सितम्बर 2019 को मथुरा उत्तरप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षाविद सेमिनार में आदर्श शिक्षा रत्न उपाधि से सम्मानित किया गया। स्थानित , जिला और प्रदेश , उत्तर प्रदेश में सैकड़ो स्थानीय सम्मानों से सम्मानित होने के बाद 19 जनवरी 2020 को जयपुर राजस्थान में
अनेको बार आकाशवाणी छतरपुर से बार्ता प्रसारित हो चुकी है।प्रदेश के अनेक जिला व तहसील स्तर पर सम्मान मिला। छतरपुर जिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संघ अध्यक्ष श्री राम कृपाल चौरसिया जी व बुंदेलखंड बरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री प्रताप सिंह [नन्हे राजा ] ने श्री संतोष गंगेले के सामाजिक कार्यो व जीवन की सराहना की है। -नगर पालिका परिषद् नौगांव सामाजिक कार्य करने और ईमानदारी से पत्रकारिता के लिए नागरिक अभिनंदन कर चुकी है। -17 फरबरी 2016 को सामाजिक समरसता सम्मान समारोह का आयोजन कर भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए पहल की जिसकी प्रशासन व जन प्रतिनिधियो ने सराहना की है। मध्य प्रदेश सरकार जन सम्पर्क विभाग से राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार नियुक्त किये जा चुके है। 
समाज सेवी संतोष गंगेले कर्मयोगी स्कूलों ,प्रशिक्षण केन्द्रो ,महाविद्यालयो के 5 लाख से अधिक विधार्थीओ से व्यक्तिगत मिल कर समाज और राष्ट्र सेवा का संकल्प दिला चुके है। लगभग 20 बर्षो से शिक्षा ,स्वास्थ्य ,स्वच्छता ,समरसता ,समाज , भारतीय संस्कृति , नशा मुक्ति ,दहेज़ एक कलंक है. दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जन जागरूकता अभियान निजी धन को खर्च कर राष्ट्र सेवा के लिए तन मन धन से समर्पित होकर समाज सेवा करते आ रहे है। भारत निर्वाचन के लिए निजी तौर पर मतदाता जागरूकता अभियान प्रत्येक चुनाव में करते है।
समाजसेवी संतोष गंगेले कर्मयोगी बुंदेलखंड के विभिन्न जिला मध्य प्रदेश में मोटर साईकिल से 1 जुलाई 2016 को अपने गृह ग्राम वीरपुरा पंचयात धर्मपुरा शासकीय माध्यमिक शाला से बुंदेलखंड क्षेत्र का दौरा करने के निर्णय को स्थानीय नेताओ और प्रशासनिक अधिकारिओ को अवगत करने हुए शुरू किया। छतरपुर , टीकमगढ़ ,पन्ना महोबा ,हमीरपुर ,झाँसी ललितपुर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में निजी वाहन से चलकर विचार गोष्ठीओ के माध्यम से लाखों बच्चो को नैतिक शिक्षा ,भारतीय संस्कृति , पर जन जाग्रति अभियान निःस्वार्थ भावना के साथशुरू किया , शिक्षण संस्थाओ के प्रतिभावान बच्चो को सम्मानित करना , उनको साहित्य सामग्री देकर सम्मानित करना। बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ अभियान ,स्वच्छ भारत अभियान ,को निजी धन से समाज सेवा ,ोा राष्ट्र प्रेम के साथ शरू किया। इस जन संपर्क को प्रिंट मिडिया और वेव साइटों पर कुछ स्थान भी मिला। बुंदेलखंड के लोक कवी ईश्वरी के जन्म ग्राम मेढ़की में उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री दर्जा श्री हरगोविंद कुशवाहा जी और मऊ रानीपुर विधायक श्री प्रागीलाल आर्य ने सम्मानित किया। 9 जनवरी 2018 को बसवा जिला दौसा राजस्थान में समाज सेवा के लिए राष्ट्रिय सम्मान मिला। भारत सरकार के राज्य मंत्री डॉ वीरेंद्र खटीक जी ने और राज्य मंत्री श्री रामदास आठवले जी ने श्री संतोष गंगेले अपने समाजसेवी के सम्मान किया. . ! श्री संतोष गंगेले को यह जूनून -भारतीय संस्कृति की रक्षा के साथ -साथ -शिक्षा ,स्वास्थ्य ,स्वच्छता ,समरसता ,समाज ,बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ ,नाश मुक्ति अभियान ,योग -आध्यात्मिकता से जीवन जीने के मन्त्र स्कूल के बच्चो को देने बाल सभाओ के माध्यम से प्रोत्साहित किया जा रहा है। ग्रामीण व कस्बाई क्षेत्रो में गरीब व पीड़ित ,परेशान आमजन की आर्थिक और क़ानूनी मदद करते है। ग्रामीण क्षेत्रो में पीड़ित परेशानो की मदद करते है। अपने जीवन में पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर उनके परिवार के स्वर्गवासी सभी सदस्यो के नाम से बृक्षारोपड किया गया है। उनके गृह निवास व कार्यालय में उन्होंने बृक्षारोपड किया है। सामाजिक समरसता के आने उदहारण उनके जीवन के मिल सकते है। हम यही कह सकते है की ऐसे सामाजिक समाजसेवी श्री संतोष गंगेले को गाँधीवादी विचारो से जोड़ कर उनको समाज सुधारक या बुंदेलखंड के कर्मयोगी कहा जावे तो अतिश्योक्ति न होगीं। लगातार समाज सेवा करने के लिए संत महात्माओं कथावाचक प्रवचन कर्ताओं से भी समाज सुधारने के लिए अनुरोध करने में पीछे नहीं है पूरे बुंदेलखंड में जन जागरण अभियान लगातार जारी है।
महाराजपुर विधान सभा के विधायक श्री नीरज -विनोद दीक्षित जी ने उनका स्वम अनेको स्थानों पर सम्मान किया और मध्य प्रदेश स्थापना दिवस पर नौगाव ब्लाक में कराया। मध्य प्रदेश के अनेक प्रांतीय पात्रकार संगठन ने समाज सेवा के लिए उनका सम्मान छतरपुर टीकमगढ़ में सैकड़ो पात्रकारो के समक्ष किया
संतोष गंगेले कर्मयोगी का जीवन परिचय
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला के कस्बा नौगांव से लगा ग्राम बीरपुरा में संतोष गंगेले कर्मयोगी का जन्म 11 दिसम्बर 1956 को एक किसान संत पंडित श्री हरिहर महाराज
जुझौतिया ब्राह्मण परिवार में जन्म लेने वाले कर्मयोगी का जीवन बहुत ही संघर्ष पूर्ण विषम परिस्थितियों में भारतीय गृहणी श्रीमती सुमित्रा देवी गंगेले के यहाँ 4 बेटियों ने निधन के बाद हुआ ।
संतोष गंगेले कर्मयोगी जब 5 बर्ष की उम्र में ही पहुंचे थें कि गरीबी और निर्धनता ने उन्हे परिवार की जुम्मेदारी सम्भालने में अपना समय देना जरूरी हो गया था । घरेलू कामकाज के साथ ही शिक्षा की ओर भी ध्यान देना जरूरी था । संतोष गंगेले कर्मयोगी की माँ भले ही अशिक्षित थीं लेकिन चतुर और दूरदर्शिता का अनुभव रखतीं थी इसीलिए उन्होंने अपने बेटे संतोष गंगेले कर्मयोगी को स्कूल भेजना शुरू किया । गाँव में जो स्कूल था वह भी कच्चे घरों में एक राजपूत परिवार की मेहरवानी से संचालित था । जहां अध्यन शुरू किया । संतोष गंगेले कर्मयोगी अपने चारों भाईयों में और एक बहन में सबसे बडे थे ।
गाँव में 5 वी तक शिक्षा के वाद हायर सेकेन्ड्री स्कूल नौगांव में 1967 में प्रवेश लिया,लेकिन पारिवारिक समस्याओं के कारण परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने के कारण स्कूल से निकाल दिया । संतोष गंगेले कर्मयोगी ने परिवार के सदस्यों में छोड़ भाईयों और बहन की शिक्षा के लिए नगर के व्यापारियों के यहाँ 20 रूपये माहवारी में नौकरी शुरू की । बर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध के समय देशभक्ति का अनुभव हुआ । संतोष गंगेले कर्मयोगी ने एकवार फिर से शिक्षा संस्थान में प्रवेश लिया लेकिन समस्याओं ने पीछे धकेल दिया । मानवता के धनी श्री लक्ष्मी चंद्र जैन मऊ -सहानिया बाले नौगाव में किराना की दुकान किये थे। उनके पास दुकान पर 30 रुपया मासिक बेतन पर मजदूरी करना शरू किया। सुबह 7 से दोपहर 12 बजे तक शिक्षा , दोपहर 12 बजे से रात्रि 8 बजे तक दूकान का कार्य। रात्रि 9 बजे से 12 बजे तर पढाई। सुबह 5 से 6 पढाई। एक घंटे नित्य दिनचर्या में दिया. इस प्रकार की कठिन मेहनत से समय की कीमत समझकर जीवन को प्रगति की और ले गया. .
जिस कारण बर्ष 1974 में प्राईमरी माध्यमिक शाला में प्रवेश लिया और इस वार कक्षा 8 वी 1977 में करनें के साथ ही आर्मी कालेज नौगांव में बिल्डिंग रखवाली के चौकीदार के पद पर नौकरी मिल गई । दो बर्ष नौकरी करने के बाद फिर घर आकर अपने परिवार के साथ किसानी के कार्य में सहयोगी बना । अनेक लोगों के साथ मजदूरी करते हुए बर्ष 1979 में मजदूरी के लिए दिल्ली चला गया । जहां मजदूरों के साथ 19 रूपये दिहाडी पर एक बर्ष तक नौकरी मजदूरी की । एक दिन आन्ध्र प्रदेश गेस्ट हाउस दिल्ली में ठेकेदार ने मुझे वह कार्य बताया जो सफाई कामगार का था । वह कार्य शौचालय की पाईप लाईन जो बर्षों से सूखने के कारण बंद थीं । मैने अपनी ईमानदारी और दूरदर्शिता के लिए आत्मविश्वास के साथ शौचालय की सफाई कर दी लेकिन ठेकेदार से कहा कि मैं ब्राह्मण हूँ मुझे स्वीपर का काम मत देना । संतोष गंगेले कर्मयोगी ने उसी समय ईश्वर को साक्षी मानकर अपने विचारों के साथ जीवन जीने की प्रेरणा भरी कहानी को अपनाने का संकल्प लिया ।
Santosh Gangele(Karmyogi): चाय -पान की दुकान चला कर ग्रहण की उच्च शिक्षा
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दिल्ली में ठेकेदार के यहाँ मजदूरी करने के बाद फिर नौगांव में क्षय चिकित्सालय चौराहा पर एक गुमटी खोली , जिसमें चाय पान की दुकान संचालित की इसी बीच हायर सेकेन्ड्री परीक्षा की तैयारी के लिए बुन्देलखण्ड कोचिंग कालेज में प्रवेश लिया । जहां अध्यन शुरू किया । स्वंय शिक्षा ग्रहण की और छोटे भाईयों और बहन को भी शिक्षित करने में मेहनत से धन खर्च किया । इसी समय नौगांव के साथियों से परिचित होने के कारण स्कूल के बाद साहित्य,सामाजिक,सास्कृतिक आयोजनों में सहयोगी बना । खबरें पढने में रूचि होने के कारण पत्रकारिता में प्रवेश लिया । लगातार प्रगति के साथ मित्रता में भी विस्तार हुआ । यहाँ दुकान में आमदनी में आय भी बढी । संतोष गंगेले कर्मयोगी ने क्षेत्र में पत्रकारिता देश भक्ति में कुछ ही समय में नगर व जिला में अपना नाम स्थापित कर गाँव बीरपुरा का गौरव बढाया ।
11दिसम्बर 1980 से पत्रकारिता देश भक्ति की शुरुआत छतरपुर से प्रकाशित दैनिक राष्ट्र भ्रमण समाचार पत्र से की कुछ ही समय बाद हिन्दी टंकण सीखना शुरू किया जिससे अनेक अनुभव मिलें । भोपाल वोर्ड से हिन्दी टंकण पास कर सरकार से प्रमाण पत्र मिला । एक साथ अनेकानेक कार्यक्रमों में पत्रकारिता में भाषणों में अत्यधिक प्रगति कर्मयोगी की श्रेणी में गिनती होने लगी । संतोष गंगेले कर्मयोगी ने हायर सेकेन्ड्री में सफलता मिलतें ही । बर्ष 1980 बीए में पढने के लिए बापू महाविद्यालय नौगांव में प्रवेश लिया । विभिन्न योग्यताओं में स्थान पाने के साथ ही समस्याओं ने पीछे धकेल दिया । कालेज में मित्रों के बीच विवाद होने पर मारपीट झगड़ा हो गया । मामला पुलिस तक गया । संस्था प्राचार्य श्री राम किशोर शर्मा जी ने हमारा सहयोग किया । मित्र अनिल जैन ने पूरा साथ दिया । हमने भी अनिल जैन के सहयोग को किसी तरह लौटने का पूरा प्रयास किया । दोस्तों में स्वार्थ और संदेह को स्थान नहीं देना चाहिए । इसी बीच अदालत में पंडित श्री गोविन्द तिवारी जी अधिवक्ता से मुलाकात होने पर उन्होंने न्यायालय में अर्जीनवीस का स्थान दिया। कुछ समय वाद न्यायालय से वार टाइपिस्ट का लाइसेंस मिला। पंडित श्री गोविन्द तिवारी जी नेक इंसान के साथ साथ मानवता के धनी महापुरुष है।
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समाज सेवा से खुश जिला कलेक्टर ने दिया जीवन का तोहफा
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नौगाव तहसील में स्थाई तहसीलदार की पद स्थापना हो चुकी थी। बर्ष 1983 में बुंदेलखंड में भयानक बाढ़ आने से धन -जन हानि हुई। छतरपुर जिला कलेक्टर श्री होशियार सिंह, सांसद श्रीमती विद्यावती चतुर्वेदी , विधायक श्री यादवेंद्र सिंह [लल्लू राजा साहब ] सहित अनेक सामाजिक व्यक्तियों के साथ सामाजिक सेवा करने , पीड़ितों की मदद करने साथ रहने से छतरपुर जिला कलेक्टर श्री होशियार सिंह, ने मेरा पूरा परिचय पूछा और तहसील में कार्य करने के लिए याचिका लेखक का लाइसेंस 3 /83 जारी किया। कुछ ही समय के अंदर नौगाव जनपद क्षेत्र के नागरिको की मदद से मेरा परिवार विकास की ओर बढ़ा , परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही उत्तम होने लगी।
1 मई 1984 को नौगाव में पंजीयन कार्यलय खुला जिसमे मुझे दस्तावेज लेखक की अनुज्ञप्ति मिली फिर क्या था। लगातार प्रगति और धन बर्षा के कारण आमजन में पहचान हुई। जीवन की प्रगति के साथ ही जीवन बंधन के रिश्ते आने लगे। मेरा विवाह नौगाव के नगरपालिका अध्यक्ष श्री दामोदर प्रसाद तिवारी , बरिष्ठ अधिबक्ता श्री गोविन्द तिवारी श्री हेमंत पाठक ने मेरा विवाह सीमावर्ती ग्राम जगतपुर उर्फ़ गढ़िया तय किया 1 फरवरी 1984 को तिलकोत्सव गर्रोली रोड पंडित श्री दामोदर तिवारी जी के मकान से हुआ। इस आयोजन में नगर और जिला के लगभग चार सौ से अधिक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे. 21 फरवरी 1984 को महाशिव रात्रि के दिन प्रभादेवी पुत्री श्री गुमान बिहारी दुबे के साथ बिबाह संपन्न हुआ।
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पत्रकार संघ अध्यक्ष बनने पर ली सत्य ईमान पर चलने की शपथ
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नौगांव नगर की स्वच्छ छवि की पत्रकारिता को उच्च शिखर तक लेने के लिए नगर के सभी पत्रकारों ने संतोष गंगेले कर्मयोगी को तहसील अध्यक्ष का दायित्व जैसे ही सौपा 14 जनबरी 1986 को एक आयोजन नगरपालिका नौगाव कार्यालय में शपथ ग्रहण कराने का निर्णय हुआ। नगर पालिका अध्यक्ष श्री शंकर लाल जी मेहरोत्रा ने आयोजन में सभी खर्च स्वंम उठाने का सहयोग दिया। इस आयोजन में नगर नौगांव के सभी पत्रकार ,अधिकारी ,राजनेता ,सामाजिक व्यक्तिओ को आमंत्रित किया. इस आयोजन में छतरपुर के जिला जज एबं सत्र न्यायाधीश श्री एम् एस कुरैशी रहे। वह दिन था जब सैकड़ो आमजन के साथ भारतीय पत्रकारिता को सत्य और ईमानदारी के साथ करने की शपथ ली थी। छतरपुर जिला के साथ साथ , रीवा ,भोपाल ,जबलपुर , इंदौर ,झाँसी ,कानपुर ,दिल्ली से प्रकाशित समाचार पत्रों में इस समाचार को पहलीवार स्थान मिला था क्योकि पत्रकारों का शपथ ग्रहण नहीं होता , लईकिन यह कार्य प्रभु कृपा से हुआ। आज तक उस शपथ को ध्यांन में रखकर कार्य किया जिससे पत्रकारिता में आज शिखर पर नौगाव का नाम प्रदेश और देश में है.
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समाज सेवा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हो चूका सम्मान
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मध्य प्रदेश हृदय स्थली बुंदेलखंड के छतरपुर जिला के क़स्बा नौगाव के रहने बाले समाज सेवी श्री संतोष गंगेले [कर्मयोगी ] के जीवन की सैकड़ो सामाजिक घटनाएं है। उन्होंने जीवन में सामाजिक समरसता , देश के एकता -अखंडता साथ -साथ भारतीय संस्कृति और संस्कारो के लिए अपना जीवन ही समर्पित कर दिया है। उनकी कथनी करनी में समानता होने से आज उनके काम और नाम को लोग नजीर के रूप में प्रस्तुत करते है. जीरो से हीरो बनने बाले श्री संतोष गंगेले [कर्मयोगी ] ने बर्ष 2013 में भारतीय पत्रकारिता के पुरोधा शहीद गणेश शंकर विधार्थी जी केजीवन प्रभावित होकर संगठन बनाया। इस संगठन का नाम गणेश शंकर विधार्थी प्रेस क्लब मध्य प्रदेश रखा , जिसका पंजीयन होने के बाद इस संगठन को प्रदेश स्तर पर स्वंम के धन पर आमजन तक पहुँचाने का प्रयास किया। आज श्री संतोष गंगेले [कर्मयोगी ] को मध्य प्रदेश को प्रदेश के सभी बरिष्ठ और कनिष्ठ पत्रकार साथी जानते है. बर्ष 2011 से सोशल मिडिया से जुड़ने के कारण गूगल में उनको स्थान मिला है। मध्य प्रदेश के साथ साथ उत्तर प्रदेश , हरियाणा भिवानी , दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चूका है। बर्तमान में शिक्षा , स्वास्थ्य ,स्वच्छता ,समरसता ,समाज ,बेटी बचाओ , बेटी पढ़ाओ , स्वच्छ भारत अभियान , समाज में व्याप्त दहेज़ प्रथा को बंद करने। नशा मुक्ति अभियान , अकाल मौतों से कैसे बचाएं आदि बिषयो को लेकर शिक्षण संस्थाओ में निजी बाहन ,निजी पैसा यानि तन मन धन से समर्पित होकर समाज सेवा ने लगे है.