मानसिक विक्षिप्त अर्धविक्षितों व्यक्तियों के संरक्षण हेतु कमिश्नर को सौंपा गया ज्ञापन
रीवा संभाग का सर्वे जन समस्या समाधान केन्द्र रीवा म0प्र0 द्वारा जो पंजीकृत अपंजीकृत संस्थाओं का एक अपंजीकृत संस्थान है के द्वारा रीवा में 6641, सतना में 5677, सीधी में 4291, मानसिक, विक्षिप्त और अर्धविक्षिप्तों की गणना प्राप्त हुई है जिनके रहवास एवं भोजन स्वास्थ्य परीक्षण की कहीं भी कोई व्यवस्था नहीं है और न ही सरकार द्वारा उनके पुर्नवास की कोई व्यवस्था की गई है। मानसिक रूप से अर्धक्षिप्त एवं विक्षिप्त भी व्यक्ति मानव है इन्हें भी जीने का अधिकार है इनके जीवन अधिकार का हनन हो रहा है। प्राप्त सर्वे में मानसिक विक्षिप्त और अर्धविक्षिप्त महिला, पुरूष, बालक, बालिका पाये गये इनका कोई निश्चित एक स्थान नहीं है न ही इनके माता-पिता और न ही इनका कोई घर है। ऐसे लोग अर्धनग्न अवस्था में फटे-पुराने कपड़ो में गली कूचों मोहल्लों, बस स्टाफ, रेलवे स्टेशन, बाजार, मंदिर और कार्यालयों के आसपास कहीं भी नजर आ जाते हैं इनका कहीं रहने या खाना पानी का कोई भी निश्चित ठिकाना नहीं होता है। ये घर परिवार व समाज के ही लोग हैं जो अपनी फटिहाल जिंदगी में मस्त हैं वहीं ये समाज के लिये घातक भी हो सकते हैं जो अनजाने में कभी भी और कहीं भी किसी बड़ी घटना को अन्जाम दे सकते हैं। रीवा जिले में ऐसे लोग ठण्डी, गर्मी, बरसात में भटकते रहते हैं जिनके लिये न खाने की व्यवस्था और रहने का ठिकाना ऐसे ही व्यक्तियों के लिये पुर्नवास केन्द्र की नितांत आवश्यकता को समझते हुये रीवा कमिश्नर को भारती शर्मा, डॉ0 जे0आर0 नारायण, जिला एवं राज्य स्तरीय पुरूस्कृत समाजसेवी प्रमोद शुक्ला, एड0 राजकिशोर चतुर्वेदी, एडवोकेट गुल मोहम्मद, शेषमणि शुक्ला, राजेश चौबे ने इत्यादि व्यक्ति ने ज्ञापन सौंपा है।