हरित प्रवाह समाचार@ सज्जन सिंह
नई आबकारी नीति के मुताबिक भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दो समूहों के पास शराब की सभी दुकानों का अधिकार होगा.
भोपाल: मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राज्य की आबकारी नीति तय कर दी है. नई आबकारी नीति में राज्य सरकार ने प्रदेश में शराब का आधे से ज्यादा धंधा बड़े कारोबारियों को देने का प्रावधान किया है. नई आबकारी नीति लागू होने के बाद राज्य में शराब के छोटे ठेकेदार धंधे से बाहर हो जाएंगे.
भोपाल-इंदौर और जबलपुर-ग्वालियर में खुलेंगे नए ठेके
नई आबकारी नीति के मुताबिक भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दो समूहों के पास शराब की सभी दुकानों का अधिकार होगा. मध्य प्रदेश के अन्य 12 नगर निगमों में एक ही समूह शराब का कारोबार करेगा. शराब के ठेकों का सालाना शुल्क भी 25% बढ़ा दिया गया है. भोपाल-इंदौर में विदेशी ब्रांड के शराब की दो-दो और जबलपुर-ग्वालियर में एक-एक दुकानें खोली जाएंगी.
सरकारी राजस्व में होगा 2200 करोड़ रुपये का इजाफा
नई आबकारी नीति लागू होने के बाद मध्य प्रदेश सरकार को राजस्व में 2200 करोड़ रुपये का इजाफा होने की उम्मीद है. मध्य प्रदेश में अब तक 1140 कारोबारी सूमह शराब के धंधे में शामिल थे. कैबिनेट बैठक में मंत्रियों ने प्रदेश में शराब की उप दुकानें खोलने के फैसले का विरोध किया. इसके बाद कमलनाथ सरकार ने नए वित्तीय वर्ष में शराब की और उप-दुकानें नहीं खोलने का निर्णय लिया