कुपोषित बच्चों को थर्ड मील देना सुनिश्चित करें – कलेक्टर
आंगनवाड़ियों में बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाय
- रीवा 02 मार्च 2020. कलेक्टर बसंत कुर्रे ने जिला स्तरीय सुपोषण अभियान की समीक्षा के दौरान गंभीर नाराजगी व्यक्त की कि जिले में तीन माह पूर्व से अतिकुपोषित 2400 बच्चों के पोषण में कोई सुधार नहीं हुआ। शासन के निर्देश के अनुसार उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा थर्ड मील देना सुनिश्चित नही किया जा रहा है। आंगनवाड़ियों में बच्चों की उपस्थिति बहुत कम रहती है। केन्द्र में सुपरवाइजर एवं सीडीपीओ द्वारा निर्धारित निरीक्षण नहीं किया जा रहा है।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ, महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय, सहायक संचालक आशीष द्विवेदी, सीडीपीओ एवं सुपरवाइजर उपस्थित थीं।
कलेक्टर ने कहा कि सीडीपिओ एवं सुपरवाइजर अभियान के तौर पर नियमित रूप से निरीक्षण कर आंगनवाड़ी केन्द्रों में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति सुनिश्चित करें तथा बच्चों को थर्ड मील दिया जाना निश्चित किया जाय।
कलेक्टर श्री कुर्रे ने इस बात पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की कि पिछले तीन माहों से 2400 कुपोषित बच्चों की संख्या बनी हुई है उनके पोषण में किसी प्रकार का कोई सुधार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में भ्रमण के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्र में कोई अधिकारी नही मिलता। केन्द्रों में पंजीकृत बच्चे नहीं आते। कलेक्टर ने निर्देश दिये कि गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया जाय। मध्यम कुपोषित 19 हजार बच्चों के पोषण की ओर गंभीरता पूर्वक ध्यान दिया जाय। उन्होंने कहा कि गंगेव में बच्चों को नास्ता एवं खाना नहीं मिल रहा, गंगेव-2 में समूह की लापरवाही से थर्ड मील नही दिया जा रहा, जवा में समूह की लापरवाही से खाद्यान्न ही नहीं उठाया गया, रीवा-2 में खाना दे रहे हैं लेकिन नास्ता नहीं दे रहे। बताया गया कि सुपरवाइजर की लापरवाही के कारण 24 सुपरवाइजरों की फरवरी माह की वेतन रोक दी गयी है।
प्र्र्र्् - जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कलेक्टर बसंत कुर्रे ने निर्देश दिये कि बाल गृह, सम्प्रेक्षण गृह में रह रहे बच्चों की प्राथमिकता के आधार पर देखभाल की जाय। बाल गृह के बच्चों का कौशल उन्नयन करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाय। 6 वर्ष से 18 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षित करने के लिए उन्हें स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाय। उनका आधार कार्ड एवं अन्य अभिलेख बनवाने की कोशिश की जाय।