जिला प्रशासन नहीं कर रहा है इनके भ्रष्टाचार पर विचार
जनपद पंचायत रीवा अंतर्गत ग्राम पंचायत छिरेहटा के सरपंच संतोष सिंह तथा सचिव हरि कृष्ण नारायण उर्फ अमित पांडे ने ग्राम पंचायत छिरेहटा के कार्यों में भ्रष्टाचार की झड़ी लगा दी है सरपंच श्रीमती संतोष सिंहऔर सचिव हरिकृष्ण नारायण पांडेय को प्रशासन का भय बिल्कुल नहीं है।
पिछले 5 सालों में सरपंच और सचिव ने ग्राम पंचायत में सिलसिलेवार अनगिनत भ्रष्टाचार किए हैं जिनमें क्रमशः
1) ग्राम छिरेहटा में आंगनवाड़ी केंद्र का कार्य अधूरा है आंगनवाड़ी में शौचालय का निर्माण कार्य नहीं हुआ है साथ ही जमीन में फर्स का निर्माण कार्य अधूरा है।
2) पीसीसी सड़क निर्माण मनोज दाहिया के घर से रामा काछी के घर तक 300 मीटर सड़क निर्माण कार्य होना था जिसकी लागत ₹7.50 लाख है,आज तक कोई कार्य नहीं हुआ है।
3)पूरे ग्राम पंचायत में नल जल योजना के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया है कहीं भी नल की एक टोटी भी नहीं लगाई गई है, और सरपंच सचिव के द्वारा पंचायत के खाते से लागत राशि का फर्जी बिल लगाकर आहरण लिया गया है।
4) ग्राम नीगा में प्राइमरी स्कूल की बाउंड्री वॉल के नाम पर ₹300000 का गबन किया गया है तथा बाउंड्री वाल का कार्य अभी तक आधा अधूरा है।
5) सरपंच और सचिव के द्वारा पंचायत में कृत्रिम पशु गर्भाधान केंद्र के नाम पर भी राशि का फर्जी तरीके से आहरण कर लिया गया है तथा अभी तक कृत्रिम पशु गर्भाधान केंद्र स्थापित नहीं किया गया है।
6) ग्राम पंचायत के पंचायत भवन में LG कंपनी की टीवी लगाने के लिए राशि का आहरण किया गया है पर पिछले 5 सालो से पंचायत भवन में टीवी और D T H अभी तक नहीं लगाई गई है। गुप्त सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के द्वारा पता चला है कि पंचायत भवन की टेलीविजन, कुर्सी, टेबल और फैन सरपंच महोदया ने निजी उपयोग हेतु अपने घर पर लगवा रखा हैं।
सचिव हरि कृष्ण नारायण पांडेय आज तक जिस भी पंचायत में पदस्थ रहे वहां मात्र भ्रष्टाचार और घोटालों में महारत प्राप्त किए है। जिन घोटालों के कई प्रकरण आज भी न्यायालय में विचाराधीन है ।सचिव हरिकृष्ण नारायण पांडेय ग्राम पंचायत सुकुलगवा में सचिव प्रभार पर रहते हुए आदिवासी बस्ती में पीसीसी सड़क निर्माण कार्य के नाम पर भ्रष्टाचार समेत कई घोटाले किए हैं। जिसकी पेशी आज भी रीवा जिला पंचायत में चल रही है, आज तक उन प्रारणों का कोई निराकरण नहीं हुआ है एवं सड़क नाली निर्माण आज भी अधूरे है।
इसके उपरांत सचिव ने भ्रष्टाचार के क्रम को जारी रखते हुए ग्राम पंचायत छिरेहटा पहुंचे और सरपंच श्रीमती संतोष सिंह के पुत्र अनुपम सिंह जो स्वयं को ग्राम पंचायत छिरेहता का सरपंच मानते है के साथ मिलकर पूरे पंचायत में पी.सी.सी.सड़क निर्माण नाली निर्माण शासकीय भवनों के निर्माण शांतिधाम निर्माण बांड्रीवॉल निर्माण कृत्रिम पशु गर्भाधान केंद्र निर्माण ई पंचायत समेत कई कार्यों में भ्रष्टाचार करते हुए लगभग 20 से 30 लाख रुपए का गबन किया गया है जिसमें कुछ कार्यों की जांच व घोटालों की पुष्टि जनपद पंचायत रीवा के इंजीनियर अनिल तिवारी द्वारा जांच रिपोर्ट मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा को सौंपी थी जिसमे 11.48लाख की रिकवरी नोटिस भी जारी की जा चुकी है। ग्राम पंचायत छिरेहटा के सरपंच एवं सचिव के द्वारा संयुक्त रूप से घोटाला कर पंचायत के खाते को खाली कर दिया गया। छिरेहटा पंचायत के भ्रष्टाचारी सचिव हरि कृष्ण नारायण पांडेय को ग्राम पंचायत खैरा का प्रभार दिया गया और आदतन सचिव हरिकृष्ण नारायण पांडेय का भ्रष्टाचार और घोटालों का खेल निरंतर जारी है।एक सचिव को दो पंचायतों का प्रभार रीवा जनपद पंचायत C E O प्रदीप दुबे के सहयोग से प्राप्त हुआ
रीवा जनपद पंचायत C E O प्रदीप दुबे से जब फोन के माध्यम से उक्त मामले की जानकारी लेने की कोशिश की गई तो CEO प्रदीप दुबे मीडिया से बात करने में कतरा रहें हैं। CEO प्रदीप दुबे रीवा जनपद पंचायत में लगभग 9 वर्ष तक पदस्थ रहें और उसी दौरान पंचायत सचिवों के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया फिर कुछ समय के लिए रीवा जनपद के पूर्व सीईओ हरिश्चंद्र द्विवेदी ने जनपद का कार्यभार संभाला और भ्रष्टाचार पर कुछ हद तक लगाम लगी लेकिन जनपद पंचायत रीवा अंतर्गत समस्त भ्रष्टाचारियों के घोटालों की पोल खुलने लगी तभी एक बार पुनः अचानक ही एक ही दिन में केवल रीवा जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी का तबादला करवाते हुए भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने हेतु रीवा जनपद कार्यालय में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में प्रदीप दुबे पदस्थ हुए और पुनः इस कोरोना जैसे घातक महामारी के दौर में भी सचिवों द्वारा ग्राम पंचायतोंमैं बाहर से आए हुए व्यक्तियों की डेटाशीट सैनिटाइजर मास्क दवा एवं खाद्यान्न वितरण में भ्रष्टाचार एवं घोटालों का सिलसिला जारी हो गया।