जिला पंचायत सीईओ के टेबल तक नहीं पहुंच पाती हैं भ्रष्टाचारियों की फाइलें
इन दिनों जिला पंचायत रीवा में विभागीय बाबूओ के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है
बाबुओं के द्वारा ग्राम पंचायत के सचिव तथा सरपंच के साथ मिलकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। भ्रष्टाचारी आरोपियों की फाइलें जिला पंचायत सीईओ की टेबल तक कभी पहुंच ही नहीं पाती हैं, बीच में ही बाबू के द्वारा मनचाहे तरीके से फाइलों में लीपा पोती कर दी जाती है। जिला पंचायत के विभागीय बाबू भ्रष्टाचार में इतने लिप्त हो चुके है की जिला पंचायत सीईओ को धोखे में रख कर हस्ताक्षर भी करवा लेते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला पंचायत शाखा व धारा 40,92 शाखा के बाबू 500 से 1000 रुपए लेकर भ्रष्टाचार में लिप्त फाइल को सही में तब्दील कर धोखे से जिला पंचायत सीईओ के हस्ताक्षर भी करवा देते हैं,साथ ही ग्राम पंचायतों के सरपंच तथा सचिवों के ऊपर की गई कार्यवाही को भी पैसे लेकर रुकवा देते हैं,और सचिवों को भी उनकी मन चाही ग्राम पंचायत उपलब्ध करवा दी जाती है।जिसकी जिला पंचायत के वरिष्ठ अधिकारियों को भनक तक नहीं लग पाती है। इन लोगो के कारण ही पूर्व ईमानदार जिला पंचायत सीईओ अर्पित वर्मा के ऊपर झूठे भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं। जिसके कारण उनका तबादला हो गया है। जिला प्रशासन को जिला पंचायत के भ्रष्टाचारी बाबूओं पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए। जिससे जिला पंचायत के बाकी कर्मचारियों के मन में भ्रष्टाचार का ख्याल कभी सपने में भी ना आये।