*राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजी गई पनवार चौहानन टोला पंचायत*
*सरपंच सहित सचिव एवं ग्रामवासियों की रही महत्वपूर्ण भूमिका*
जनपद पंचायत सीधी अंतर्गत ग्राम पंचायत पनवार चौहानन टोला को प्रदेश के विशेष ग्राम पंचायतों में सम्मिलित कर राष्ट्रीय नवार्ड योजना के तहत सम्मिलित किया गया है। जाहिर है कि सरपंच एवं सचिव सहित पंंचायतों की भूमिका कहीं न कहीं महत्वपूर्ण रही होगी जिस वजह से यह उपलब्धी हासिल हुई है। पंचायत में हुए निर्माण कार्यों सहित अन्य विकास के मामलों को लेकर यह पुरूस्कार अर्जित हुआ है जो जिले भर नहीं बल्कि विंध्य क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।ग्राम पंचायत पनवार चौहानन टोला में सरपंच वीरेन्द्र सिंह चौहान उर्फ नन्हे वर्ष 2018 में सरपंच बतौर निर्वाचित हुए थे जिन्होने कर्मचारियों सहित सभी के सहयोग से ग्राम पंचायत में विकास की नई रूप रेखा बनाई। देखा जाये तो पंचायत में उनके द्वारा किये गये अथक प्रयास की बदौलत ही यह पंचायत राष्ट्रीय ग्राम पंचायत के रूप में पुरस्कृत हो रही है। इस पंचायत की उपलब्धि ये रही कि सरपंच वीरेन्द्र सिंह चौहान द्वारा जैसे ही सरपंच की कमान संभाले उस दौरान पंचायत में विकास को लेकर उनकी एक अलग सोच रही है। वर्तमान में मतदाताओं की संख्या करीब 1978 है जिसमे कि 20 वार्ड सम्मिलित हैं। यहां सरपंच एवं उनके प्रतिनिधियों द्वारा नया निर्माण कार्य के लिए ढांचा तैयार किया गया। पंचायत द्वारा करीब 11 सौ फलधारी पौधों को तैयार करने का भी नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है। इसके अलावा पंचायत ने हर गरीबों को शासन की योजनाओं का लाभ मिले इसके लिए भी काफी प्रयास किया गया। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करीब 86 हितग्राहियों का आवास बन गया है जबकि शेष अभी प्रस्तावित हैं। सरपंच द्वारा कमान संभालने के बाद यह ठाना गया था कि उन्हे चार बिन्दुओं पर काम करना है जिसके तहत बेटी, पानी, पेड़ एवं गोचर भूमि के तहत काम करना है। उनका कहना है कि बेटी पैदा होने के बाद लोग तिरस्कार की भावना से देखते हैं। लेकिन हमने ठाना है कि इस पंचायत में जो भी बेटी पैदा होगी उसका बरहौं संस्कार वो खुद मनाएंगे। उनका कहना है कि बेटी के जन्म के बाद हर लोगों को पांच पौधे लगाना होगा। जिस तरह पौधों की देखभाल की जाती है उस तरह बेटियों की देखभाल की जाये। अटल स्मृति योजना के तहत पौधारोपण का कार्य भी किया गया है। जिसमें कि करीब 11 सौ से ज्यादा पौधों का रोपण किया गया है। साढ़े तीन एकड़ में रोपित पौधे अब फल-फूल रहे हैं। निर्माण कार्य में गुणवत्ता सहित खेत, तालाब, मछली पालन, आचार्य विद्या सागर योजना, स्व सहायता समूह के माध्यम से किराना एवं सिलाई सहित स्वरोजगारों में ज्यादा जोर दिया जाना, सरकारी जमीन में लोगों को पट्टा दिलाना, सरकारी भवनों में बाउण्ड्री बाल निर्मित कराना, पुलिया, एप्रोच रोड़ सहित मेड़ बंधान सहित आंगनबाडी भवनों को नया कायाकल्प देना उनकी प्राथमिकता रही है। यही वजह है कि यह ग्राम पंचायत विशेष ग्राम पंचायतों में सम्मिलित हुआ है। इस मामले में सरपंच एवं सचिव सहित कर्मचारियों में कंप्यूटर आपरेटर सहित अन्य लोगों का योगदान भी कम नहीं रहा।