दिनांक 18 सितंबर 2020, स्थान - गंगेव रीवा मध्य प्रदेश।
मध्य प्रदेश की 23900 से अधिक ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। एक तरफ जहां कोरोनावायरस की चपेट में पूरा देश या यूं कहें कि पूरा विश्व कराह रहा है वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश की जनता भ्रष्टाचार रूपी कोरोनावायरस से ग्रसित है। ग्राम पंचायतों की हालात यह है कि करोड़ों की राशि हर पंचवर्षीय में निकाली जाती है लेकिन मनरेगा एवं पंच परमेश्वर योजना धरातल पर कहीं दिखते नहीं है जिसकी वजह से गांव में चलने के लिए सही सड़क मार्ग और न ही मूलभूत स्वास्थ्य शिक्षा आदि का भी कोई पता नहीं।
*गंगेव की घुचियारी ग्राम पंचायत में आरटीआई की धारा 4 के तहत हुई जनसुनवाई एवं सोशल ऑडिट*
रीवा जिले की गंगेव जनपद जहां कराधान घोटाले की जद में पहले ही फंसी हुई है और 38 से अधिक पंचायतें कराधान घोटाले की चपेट में है जिसमें जांच के दौरान भारी अनियमितता पाई गई एवं कई कर्मचारियों और अन्य संलिप्त पाए गए लोगों को जेल तक हुई है वहीं दूसरी तरफ जनपद से संबंधित ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अभी हाल ही में 18 सितंबर 2020 को ग्राम पंचायत घुचिआरी के सैकड़ों ग्रामवासी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4 के तहत साझा किए जाने वाले पंचायत के वेब पोर्टल में जानकारी के आधार पर सोशल ऑडिट और जनसुनवाई का कार्यक्रम रखा जिसमें मीडिया कर्मियों एवं सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी को भी बुलाया। इस अवसर पर ग्रामीणों के साथ भ्रमण करते हुए यह पाया गया की ग्राम की महत्वपूर्ण सड़क मार्ग के घुचिआरी से बहेरा लगभग 4 किलोमीटर लंबा मार्ग कीचड़ से सना हुआ एवं कच्चा पड़ा हुआ है जबकि जानकारी मिली की इसके लिए पंचायत विभाग द्वारा काफी बार राशियों का आहरण किया गया लेकिन धरातल पर कोई कार्य नहीं करवाए गए। इसी प्रकार गांव में ही स्थित प्राथमिक एवं माध्यमिक पाठशाला पर भी स्थिति काफी दयनीय थी जहां खेल के मैदान का कोई कार्य नही हुआ और न ही बाउंड्रीवाल का निर्माण किया गया। विकास कार्य के लिए आया लाखों रुपया आहरित कर लिया गया। घुचियारी गांव की हरिजन बस्ती के पास एक कूप का निर्माण कराया गया था जहां पाया गया कि कूप को एक गड्ढे नुमा जगह पर बना दिया गया था और वहां चारों तरफ से पानी भरा हुआ था।
*5 वर्ष के विकास कार्य का लेखा जोखा शून्य बटा सन्नाटा*
कुल मिलाकर घुचिआरी ग्राम पंचायत में सोशल ऑडिट और जन सुनवाई के दौरान यह पाया गया कि लगभग समस्त विकास कार्य शून्य के बराबर ही है। स्कूल जाने के लिए रास्ता नही, न ही सही तरीके से पुलिया का निर्माण और भ्रष्टाचार, और लगभग हर कार्य में व्यापक भ्रष्टाचार जिसको लेकर ग्रामीणों ने जांच की मांग की है।
*क्या कहना है सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी का?*
दिनांक 18 सितंबर 2020 को जनपद की घुचियारी ग्राम पंचायत में आरटीआई की धारा 4 के तहत आयोजित सोशल ऑडिट और जनसुनवाई कार्यक्रम में एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी का कहना था कि आज न केवल गंगेव जनपद की ग्राम पंचायतें बल्कि पूरे मध्यप्रदेश की 23900 से अधिक ग्राम पंचायतों में यही हाल है जहां शासन द्वारा दी जानेवाली विकास कार्य के लिए राशि का बंदरबांट कर लिया जाता है और सरपंच सचिव इंजीनियर सीईओ सभी के द्वारा मिलकर हजम कर लिया जाता है। इस विषय को लेकर एक्टिविस्ट ने जिला प्रशासन एवं मुख्यमंत्री से कार्यवाही की मांग की है और दोषियों को दंडित किए जाने की बात कही है। जहां तक सवाल घुचियारी से लेकर बहेरा तक 4 किलोमीटर कच्चे सड़क मार्ग का था उसके विषय में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क मऊगंज यूनिट के महाप्रबंधक से बात कर सड़क को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जोड़े जाने के लिए मांग की 4 के तहत सोशल ऑडिट और जनसुनवाई की फोटो देखने का कष्ट करें।
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*शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता जिला रीवा मध्य प्रदेश मोबाइल नंबर 9589152587*