*MP//Rewa// प्राचार्य पर लगेगा 25 हज़ार रुपये का जुर्माना, बचाव में नही उपलव्ध कराए तथ्य, साथ मे किया आरटीआई की धारा 4(डी) का उल्लंघन*
------------------------
दिनांक 25 सितम्बर 2020, स्थान - रीवा मप्र।
मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह अपनी सभी सुनवाइयां निरंतर फेसबुक लाइव के माध्यम से जारी रखे हुए हैं। अभी हाल ही में दिनांक 25 सितंबर 2020 को एक द्वितीय अपीलीय प्रकरण वर्ष 2017 के मामले पर सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता बनाम श्रवण कुमार सिंह तिवारी तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी एवं प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरपाटन जिला सतना के विषय में सुनवाई करते हुए न्याय के नैसर्गिक सिद्धांत के आधार पर प्रिटायर्ड प्राचार्य के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए एक माह के लिए सुनवाई स्थगित कर दिया। लेकिन सूचना आयुक्त राहुल सिंह के द्वारा कहा गया कि जिस प्रकार से 1 महीने में दी जाने वाली जानकारी को तत्कालीन प्राचार्य के द्वारा 3 वर्ष का समय लिया गया और उनके रिटायरमेंट के बाद भी जानकारी अतिथि शिक्षक एवं आवेदक को उपलब्ध नहीं करवाई गई है इससे सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7(1), 5(3) एवं अन्य धाराओं का उल्लंघन हुआ है जिसके लिए तत्कालीन प्राचार्य एवं लोक सूचना अधिकारी श्रवण कुमार सिंह तिवारी के ऊपर 25 हज़ार रुपये का कारण बताओ नोटिस यथावत रखा है और उनके स्वस्थ होने तक एक माह बाद सुनवाई की तारीख रख दी गयी।
*अतिथि शिक्षक की हुई थी शिकायत इसकी चाही थी जानकारी*
अतिथि शिक्षक सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता द्वारा बताया गया कि उन्होंने वर्ष 2016 में उनके विरुद्ध अतिथि शिक्षक के पद पर रहते हुए की गई शिकायत की जानकारी मांगी थी। लेकिन तत्कालीन प्राचार्य एवं लोक सूचना अधिकारी श्रवण कुमार सिंह तिवारी द्वारा जानकारी नहीं दी गई और न ही कोई कार्यवाही की गई। जिसकी अपील उन्होंने 2017 में मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में दायर की। अभी हाल ही में आयोग की नोटिस के उपरांत आरटीआई की अधूरी जानकारी आवेदक एवं अतिथि शिक्षक को उपलब्ध करवाई गई है लेकिन आवेदक सुरेंद्र कुमार गुप्ता द्वारा बताया गया की यह जानकारी पूर्ण नहीं है।
*प्राचार्य द्वारा पर्याप्त तथ्य उपलब्ध न करवाए जाने के कारण 25 हज़ार का जुर्माना लगना तय - सूचना आयुक्त राहुल सिंह*
पूरे मामले को समझने और सुनने के बाद मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा की तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी एवं प्राचार्य श्रवण कुमार सिंह तिवारी को 25 हज़ार रुपये जुर्माने का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था लेकिन उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देकर सुनवाई स्थगित करने का आवेदन दिया है इसलिए सुनवाई अगले माह तक स्थगित की जाती है लेकिन यदि तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी के द्वारा कोई भी अभिलेख उपलब्ध नहीं करवाए गए जिससे यह तथ्य सामने आएं कि लोक सूचना अधिकारी के द्वारा 30 दिन के भीतर आरटीआई आवेदन पर कार्यवाही की गई थी तब तक 25 हज़ार जुर्माना लगना तय है।
*मामले पर सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने लिया कड़ा रुख बताया धारा 4(डी) का उल्लंघन- सूचना आयुक्त राहुल सिंह*
इस बीच आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि यदि कोई कर्मचारी किसी संस्था में कार्य कर रहा है और उसके विरुद्ध कोई शिकायत हुई है अथवा कार्यवाही हुई है तब उस स्थिति में संबंधित संस्था को और उच्चाधिकारियों को नियमानुसार कानूनन यह जानकारी पीड़ितों को उपलब्ध करवाना पड़ेगा कि आखिर उसके विरुद्ध की गई शिकायतें क्या है और उस पर क्या कार्यवाही हुई है? सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने आरटीआई अधिनियम की धारा 4 डी का हवाला देते हुए बताया कि न्याय के नैसर्गिक सिद्धांत के आधार पर निश्चित तौर पर आवेदक को यह जानने का हक है कि उसके विरुद्ध क्या शिकायत की गई है और उस पर क्या कार्यवाही हुई है और यदि संबंधित विभागीय अधिकारी यह जानकारी उपलब्ध नहीं करवाते तो वह आरटीआई कानून की धारा 4 डी का उल्लंघन कर रहे हैं इसलिए उन पर पर्याप्त आधार बनता है कि कार्यवाही और जुर्माना लगाया जाए।
*संलग्न* - कृपया संलग्न सूचना आयुक्त राहुल सिंह की सुनवाई के दौरान की फोटो प्राप्त करने का कष्ट करें।
-----------
*शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता जिला रीवा मध्य प्रदेश मोबाइल नंबर 9589 1525 87*