*MP//Rewa// बांस पंचायत की फिर हुई जांच, 50 लाख से अधिक की रिकवरी का अनुमान*
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दिनाँक 29 अक्टूबर 2020, स्थान - रीवा मप्र।
रीवा जिला अंतर्गत जनपद पंचायत गंगेव की ग्राम पंचायत बांस में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा श्री स्वप्निल वानखेडे के आदेश पर पंचायती कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं शिवानंद द्विवेदी, देवेंद्र तिवारी एवं रविकांत अग्निहोत्री के द्वारा पूर्व में की गई शिकायत पर दिनांक 29 अक्टूबर 2020 को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक 2 के कार्यपालन यंत्री दिनेश आर्मो के निर्देश पर जांच की गई जिसमें तीन सदस्यीय दल ने मिलकर जांच की। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के तीन सदस्य दलों में सम्मिलित हैं एसडीओ मनीषा मिश्रा, जितेंद्र अहिरवार एवं आरडी पांडे सम्मिलित रहे।
*दो फेज में पंचायती कार्यों की की गई जांच*
बांस पंचायत में हुए व्यापक अनियमितता और घोटाले की जांच के लिए इसके पूर्व भी चार सदस्यीय जांच दल जिसमें आरईएस के कार्यपालन यंत्री दिनेश आर्मो एवं एसडीओ मनीषा मिश्रा, जितेंद्र अहिरवार एवं आरडी पांडे के द्वारा जांच की गई थी परंतु समय अभाव के कारण जांच के कई बिंदु छूट गए थे जिसको लेकर दिनांक 29 अक्टूबर को एक बार पुनः जांच दल ग्राम पंचायत बांस पहुंचा और पीसीसी सड़क निर्माण, मनरेगा के कार्यों, शौचालय निर्माण, पुलिया निर्माण, रपटा निर्माण आदि कार्यों की जांच किए।
जांच के दौरान पीसीसी सड़क को खोदकर सैंपल लिया गया और देखा गया कि रोड गुणवत्ताविहीन स्थिति में है। इस विषय में जांच दल के सदस्यों के द्वारा बताया गया कि पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा स्वप्निल वानखेड़े को सौंप दी जाएगी जिसके बाद रिकवरी और धारा 40 एवं 92 की कार्यवाही की जाएगी।
*50 लाख से अधिक वित्तीय अनियमितता का अनुमान*
जांचकर्ताओं एवं उपस्थित लोगों के द्वारा बताया गया कि जिस प्रकार से पंचायती कार्यों में व्यापक अनियमितता और भ्रष्टाचार सामने आया है उसमें गुणवत्ता विहीन एवं बिना उचित टेक्निकल सैंक्शन के कार्य करवाए गए हैं। कई कार्य तो ऐसे हैं जिनको स्थान बदलकर करवाया गया है जिसमें सत प्रतिशत रिकवरी की संभावना है। सीएफटी भवन बांस के पास बनाई गई बाउंड्री वाल जो कि सामुदायिक भवन के लिए बनाई जानी थी उसे वृक्षारोपण के लिए बना दिया गया है जबकि यह राशि 14वें वित्त आयोग की राशि थी जो कराधान योजना के तहत प्राप्त हुई थी। बताया गया कि यह कार्य भी डस्ट और घटिया सामग्री से किया गया है एवं साथ में नियम पैमानों को धता बताकर किया गया है जिसकी वजह से शत प्रतिशत रिकवरी भी तय है।
*पंचायती कार्यों की बनेगी रिकवरी*
बताया गया की पंचायत के अंदर किया गया ज्यादातर कार्य गुणवत्ताविहीन पाया गया है जो निर्माण के कुछ महीनों के बाद ही क्षतिग्रस्त होने लगे हैं। विशेष तौर पर पीसीसी सड़क, पुलिया निर्माण एवं कंक्रीट के कार्य अत्यधिक गुणवत्ताविहीन पाए गए हैं जिनको लेकर अधिकारियों ने बताया की इसमें कठोर कार्यवाही की जाएगी और रिपोर्ट सीईओ जिला पंचायत को भेजी जाएगी।
*कराधान घोटाले की जद में है बस पंचायत*
बता दें कि इसके पूर्व मध्य प्रदेश की 1148 पंचायतों में 300 करोड़ के 14वें वित्त आयोग की परफॉर्मेंस ग्रांट को लेकर हुए कराधान घोटाले में भी गंगेव जनपद की 38 पंचायतों में से बांस पंचायत सम्मिलित थी जिसमें लगभग 35 लाख रुपये की रिकवरी पहले ही बनाई जा चुकी है। बताया गया है कि फर्जी टीएस बनाकर पुराने कार्यों को नया बताया गया और साथ में फर्नीचर और कागज के लिए कई लाख रुपए खर्च कर दिए गए जबकि मौके पर न तो कहीं फर्नीचर उपलब्ध हैं और न ही इतना कागज और स्टेशनरी। कई कार्य ऐसे हैं जो काफी समय पूर्व अन्य मदों से करवाए गए थे लेकिन उन्हें फर्जी तरीके से कराधान योजना के अंतर्गत होना बताया जाकर राशि का बंदरबांट कर लिया गया है। जहां तक सवाल बांस ग्राम पंचायत के द्वारा एकमुश्त राशि के अंतरण का है उस पैमाने पर भी पंचायत खरी नहीं उतरती है और 14वें वित्त आयोग की परफॉर्मेंस ग्रांट के रूप में कराधान योजना के अंतर्गत प्राप्त संपूर्ण राशि का एकमुश्त किसी शिवशक्ति ट्रेडर्स को अंतरण कर देने की वजह से संपूर्ण राशि की रिकवरी पहले ही बनाई जा चुकी है जिसका प्रकरण कलेक्टर कार्यालय रीवा एवं सीईओ जिला पंचायत कार्यालय रीवा में प्रक्रियाधीन है।
*संलग्न* - कृपया दिनांक 29 अक्टूबर 2020 को ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक 2 के कार्यपालन यंत्री के के निर्देशन पर टीम के सदस्यों के द्वारा की जा रही जांच की फोटो देखने का कष्ट करें।
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*शिवानन्द द्विवेदी, सामाजिक एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता जिला रीवा मध्य प्रदेश मोबाइल नंबर 9589 1525 87*