- *MP//Rewa// खाद्य विभाग, नागरिक आपूर्ति निगम और ट्रांसपोर्टर सुरेश मिश्रा की तिकड़ी ने हजम कर लिया रीवा के नन्हे स्कूली बच्चों का मध्यान्ह भोजन, सुरेश मिश्रा ने अच्छे चावल को बेच ट्रांसपोर्ट कर दिया घटिया सड़ा हुआ गुणवत्ताविहीन चावल, तहसीलदार मनगवां की जांच में आई सच्चाई सामने*
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दिनांक 09 अक्टूबर 2020, स्थान - रीवा मप्र।
मप्र में चावल घोटाले का एक मामला अभी तक हल नहीं हुआ और स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन में दिए जाने वाले चावल में दूसरा महा घोटाला सामने आ गया। जिले में नागरिक आपूर्ति निगम, खाद्य विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, स्व सहायता समूहों, पंचायत विभाग और सहकारिता विभाग मिलकर छोटे स्कूली बच्चों को पोषण के नाम पर वर्ल्ड बैंक द्वारा दी जा रही फंडिंग में दिए जाने वाले चावल में भारी अनियमितता एकबार फिर सामने आ गयी है। कोरोनावायरस लॉक डाउन की स्थिति में जहां आम जनता की आवाज दबी कुचली हुई है वहीं यह सरकारी विभाग पूरी तरह से मनमानी पर उतारू है और नित नए भ्रष्टाचार किए जा रहे हैं।
*नागरिक आपूर्ति निगम, ट्रांसपोर्टर सुरेश मिश्रा और खाद्य विभाग की शह पर लंबे अरसे से चल रहा भ्रष्टाचार*
मामला रीवा जिले के मनगवां तहसील अंतर्गत गंगेव जनपद की अमिलिया एवं हिनौती संकुल केंद्र की स्कूलों से प्रारंभ होता है जिसमें ग्राम पंचायत कैथा की शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय एवं शासकीय प्राथमिक विद्यालय ग्राम कैथा में जुलाई-अगस्त सितंबर एवं अक्टूबर माह का छोटे बच्चों को परोसा जाने वाला चावल घटिया गुणवत्ता का दिया जा रहा है जिसमें कीड़े मकोड़े मिले हुए पाए गए और साथ में चावल में घुन लगा हुआ था। जिसकी शिकायत स्थानीय ग्रामवासियों और अभिभावकों ने की जिस पर जांच के दौरान नागरिक आपूर्ति निगम, ट्रांसपोर्टर सुरेश मिश्रा, खाद्य विभाग, सहकारिता विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग की मिलीभगत सामने आई है। जहां तक सवाल खाद्यान्न वितरण करने की जिम्मेदारी लिए हुए महिला स्व सहायता समूह की है वहां बयान के दौरान बताया गया कि महिला स्व सहायता समूह को जो खाद्यान्न खाद्य विभाग और ट्रांसपोर्टर के द्वारा दिया गया है वही खाद्यान्न स्कूलों में बच्चों को दिया जा रहा है।
*कलेक्टर एसडीएम और सीईओ जिला पंचायत के निर्देश पर हुई कार्यवाही*
कैथा पंचायत की स्कूलों के विषय में यदि बात की जाए तो शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कैथा में दिनांक 9 अक्टूबर 2020 को मनगवां एसडीएम अखिलेश कुमार सिंह, जिला रीवा कलेक्टर डॉक्टर टी इलैयाराजा एवं सीईओ जिला पंचायत स्वप्निल वानखेड़े को एक्टिविस्ट शिवानन्द द्विवेदी द्वारा जानकारी देने के बाद एसडीएम मनगवां अखिलेश कुमार सिंह के द्वारा नायब तहसीलदार गढ़ सर्किल पारसनाथ मिश्रा और पटवारी अशोक पटेल के साथ में जांच करने के लिए भेजा गया। वही जब जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी के द्वारा बीआरसीसी गंगेव नरेश मिश्रा को दी गई तो उन्होंने शिवानंद तिवारी ब्लॉक एकेडमिक कोऑर्डिनेटर को अपने सीएससी मोहम्मद शरीफ के साथ जांच करने के लिए कैथा स्कूल में भेजा। इस बीच दोनों जांच टीमों ने वहां पर प्रधानाचार्य उमाकांत चतुर्वेदी एवं प्राथमिक शाला के प्रधानाचार्य सोमधर द्विवेदी सहित स्वसहायता समूह की मालकिन रंजना सिंह, पालक संघ के अध्यक्ष सदानंद केवट एवं अन्य ग्रामीणों को बुलाया। जांच के दौरान चावल का मुआयना किया गया जिसमें मौके पर सूंडी पाई गई और साथ में कीड़े मकोड़े मिले। बच्चों को अच्छी क्वालिटी का सरकार के द्वारा दिया जाने वाला चावल पूरी तरह से सड़ा गला हुआ मिला जो मवेशियों के खाने योग्य भी नहीं था जिसका की पंचनामा और जांच रिपोर्ट वहीं पर संबंधित अधिकारियों के द्वारा तैयार की गई एवं साथ में उपस्थित स्कूल अध्यापक, प्रधानाचार्य, स्वसहायता समूह के अध्यक्ष, पालक संघ के अध्यक्ष एवं सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी सहित अन्य लोगों के हस्ताक्षर पंचनामे बनवाए गए।
*प्राथमिक पाठशाला के 34 और माध्यमिक के 47 छात्रों को बांटा गया सड़ा चावल*
जांच के दौरान महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्षा रंजना सिंह से बात की गई और उनके बयान लिए गए तो उन्होंने बताया कि प्राथमिक पाठशाला के 34 छात्रों एवं माध्यमिक पाठशाला के 45 छात्रों को सड़ा गला चावल पहले ही वितरित किया जा चुका है जिसकी रजिस्टर पंजी उन्होंने प्रस्तुत की। इस पर नायब तहसीलदार पारस नाथ मिश्रा ने अध्यापकों और स्वसहायता समूह की अध्यक्षा रंजना सिंह को भी काफी डांट फटकार लगाई कि जब चावल सड़ा हुआ था तो आपने उसको पहले ही क्यों नहीं सूचना दी और क्यों सड़ा हुआ चावल छोटे बच्चों को आपने वितरित कर दिया?
*ट्रांसपोर्टर सुरेश मिश्रा की कारगुजारी आई सामने*
इस बीच जांच के दौरान एक और बात का खुलासा हुआ जिसमें स्वसहायता समूह की अध्यक्षा रंजना सिंह द्वारा बताया गया कि उन्होंने जिस चावल का वितरण किया है वह नागरिक आपूर्ति निगम के ट्रांसपोर्टर सुरेश मिश्रा के द्वारा ट्रांसपोर्ट किया गया था और वह चावल अभी भी शायद बोरियों में रखा हुआ है जिसका उन्होंने वापस करने के लिए मना कर दिया है। आगे बताया गया कि ट्रांसपोर्टर और उनके ड्राइवर के द्वारा समूह की अध्यक्षा के ऊपर काफी दबाव बनाया जा रहा था कि हम अच्छा चावल ला रहे हैं और आपका घटिया चावल वापस करेंगे तब अध्यक्षा द्वारा बताया गया कि जब तक इसकी जांच नहीं हो जाती है और सभी बातें सामने नहीं आती है तब तक चावल को वापस नहीं किया जाएगा। इस प्रकार समूह की अध्यक्षा रंजना सिंह से यह बात भली-भांति स्पष्ट हो गई कि इस पूरे मामले में जो मुख्य दोषी है वह नागरिक आपूर्ति निगम, खाद्य विभाग एवं ट्रांसपोर्टर सुरेश मिश्रा है। जिनकी मिलीभगत से अच्छे चावल को बदलकर स्कूलों में बच्चों के लिए घटिया चावल परोसा गया था।
*नायब तहसीलदार पारस नाथ मिश्रा ने कार्यवाही का दिया आश्वासन*
इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता शिवानन्द द्विवेदी के साथ उपस्थित नायब तहसीलदार पारसनाथ मिश्रा एवं गंगेव ब्लाक एकेडमिक कोऑर्डिनेटर शिवानंद तिवारी के द्वारा बताया गया कि इस पूरे मामले में कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। नायब तहसीलदार के द्वारा बताया गया कि बहुत ही जल्द इसकी रिपोर्ट तैयार करके संबंधित एसडीएम अखिलेश सिंह एवं साथ में जिला कलेक्टर रीवा सीईओ जिला पंचायत को भेज दी जाएगी जिसके बाद संबंधित दोषियों के ऊपर कठोर एवं दंडात्मक कार्यवाही किए जाने की अनुशंसा की जाएगी।
*संलग्न* - कृपया संलग्न जांच दल के साथ उपस्थित ग्रामवासियों की तस्वीरें देखने का कष्ट करें।
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*शिवानंद द्विवेदी, सामाजिक कार्यकर्ता,ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट, जिला रीवा मध्य प्रदेश मोबाइल नंबर 9589152587*